ज़ीरो बजट प्राकृतिक खेती
आज के समय में, जब खेती में लागत बढ़ती जा रही है और किसान आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं, ज़ीरो बजट प्राकृतिक खेती (ZBNF) एक नई उम्मीद की किरण बनकर उभरी है। यह खेती की एक ऐसी पद्धति है, जो न केवल लागत को कम करती है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है। इस ब्लॉग में हम ZBNF के हर पहलू पर चर्चा करेंगे और इसे समझने की कोशिश करेंगे।
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ZBNF: किसानों के लिए लाभकारी, पर्यावरण के लिए वरदान |
ज़ीरो बजट प्राकृतिक खेती क्या है?
ज़ीरो बजट प्राकृतिक खेती एक ऐसी कृषि पद्धति है जिसमें खेती के लिए बाहरी रसायनों, उर्वरकों या महंगे बीजों पर निर्भरता खत्म हो जाती है। इसमें मुख्य रूप से जैविक साधनों का उपयोग किया जाता है। कर्नाटक के पद्मश्री सुभाष पालेकर ने इसे लोकप्रिय बनाया।
ज़ीरो बजट प्राकृतिक खेती के मुख्य सिद्धांत
1. बीज उपचार: बीज को जैविक पदार्थों से उपचारित किया जाता है।
2. जैविक खाद: गोमूत्र, गोबर और अन्य प्राकृतिक पदार्थों का उपयोग।
3. मल्चिंग: मिट्टी की नमी बनाए रखने के लिए।
4. मृदा संरक्षण: मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखना।
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ज़ीरो बजट खेती |
ZBNF के लाभ
1. लागत में
भारी कमी
2. फसल
की गुणवत्ता में सुधार
3. पर्यावरण के लिए अनुकूल
4. किसानों की आय में वृद्धि
सामान्य सवाल-जवाब
प्रश्न: क्या ZBNF छोटे किसानों के लिए उपयुक्त है?
उत्तर: हां, यह छोटे और सीमांत किसानों के लिए बहुत लाभकारी है क्योंकि इसमें लागत लगभग शून्य होती है।
प्रश्न: क्या ZBNF में कीट प्रबंधन संभव है?
उत्तर: हां, जैविक विधियों से कीटों का प्रबंधन किया जाता है, जिससे रसायनों की जरूरत नहीं पड़ती।
प्रश्न: क्या ZBNF पूरी तरह से रसायन मुक्त है?
उत्तर: हां, ZBNF पूरी तरह से प्राकृतिक और जैविक विधियों पर आधारित है।
निष्कर्ष
ज़ीरो बजट प्राकृतिक खेती आज के समय की जरूरत है। यह किसानों को आत्मनिर्भर बनाती है और पर्यावरण की सुरक्षा में भी मदद करती है। यदि इसे सही तरीके से अपनाया जाए, तो यह भारत के कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।
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जानें ज़ीरो बजट प्राकृतिक खेती (ZBNF) के बारे में – यह क्या है, इसके लाभ, और इसे अपनाने के तरीके। यह ब्लॉग ZBNF पर किसानों के सभी सवालों के जवाब देता है।