प्राकृतिक खेती बनाम रासायनिक खेती – कौन बेहतर?

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां अधिकांश जनसंख्या की आजीविका खेती पर निर्भर है। वर्तमान समय में खेती के दो प्रमुख तरीके प्रचलित हैंएक है प्राकृतिक खेती, और दूसरा है रासायनिक खेती। इन दोनों विधियों के बीच अक्सर तुलना की जाती है कि किससे बेहतर उत्पादन, मिट्टी की उर्वरता और किसानों को लाभ मिलता है। इस ब्लॉग में हम इन दोनों पद्धतियों का तुलनात्मक विश्लेषण करेंगे और जानेंगे कि कौन-सी खेती दीर्घकालिक रूप से फायदेमंद है।

प्राकृतिक खेती बनाम रासायनिक खेती – कौन बेहतर?
प्राकृतिक खेती बनाम रासायनिक खेती – कौन बेहतर?

प्राकृतिक खेती क्या है?

प्राकृतिक खेती वह प्रणाली है जिसमें बिना किसी रासायनिक खाद या कीटनाशक के खेती की जाती है। इस पद्धति में गाय के गोबर, गोमूत्र, नीम की खली, जीवामृत, बीजामृत जैसे जैविक साधनों का प्रयोग होता है। यह खेती केवल मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखती है बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित रखती है।

रासायनिक खेती क्या है?

रासायनिक खेती में सिंथेटिक खाद, कीटनाशक, फफूंदनाशक और अन्य रसायनों का प्रयोग कर फसल का उत्पादन बढ़ाया जाता है। यह पद्धति हरित क्रांति के बाद भारत में लोकप्रिय हुई, जिससे देश में खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि हुई, लेकिन इसके दीर्घकालिक दुष्परिणाम भी सामने आए।

प्राकृतिक बनाम रासायनिक खेतीतुलना

नीचे दोनों पद्धतियों के बीच कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर तुलना की गई है:

1. लागत:
प्राकृतिक खेती में लागत कम होती है क्योंकि इसमें बाजार से खाद-कीटनाशक खरीदने की आवश्यकता नहीं होती।

2. उत्पादन:
रासायनिक खेती शुरू में अधिक उत्पादन देती है, लेकिन समय के साथ मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है। प्राकृतिक खेती में धीरे-धीरे उत्पादन स्थिर और टिकाऊ होता है।

3. स्वास्थ्य पर प्रभाव:
प्राकृतिक खेती से प्राप्त उत्पाद स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं जबकि रासायनिक खेती के उत्पादों में हानिकारक अवशेष हो सकते हैं।

4. पर्यावरण:
प्राकृतिक खेती पर्यावरण के अनुकूल होती है जबकि रासायनिक खेती से जल, मिट्टी और वायु प्रदूषित होती है।

प्राकृतिक खेती बनाम रासायनिक खेती
प्राकृतिक खेती बनाम रासायनिक खेती

किसानों की राय

राजस्थान के किसान रामलाल जी कहते हैं, 'जब से मैंने प्राकृतिक खेती अपनाई है, मेरी जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ी है और खर्च घटा है।'

प्रश्नोत्तर (Q&A)

**प्रश्न 1:** क्या प्राकृतिक खेती से पर्याप्त उत्पादन होता है?
उत्तर: हां, शुरुआत में उत्पादन थोड़ा कम हो सकता है, लेकिन कुछ वर्षों बाद यह टिकाऊ और स्थिर हो जाता है।

**प्रश्न 2:** क्या रासायनिक खेती पूरी तरह गलत है?
उत्तर: यह गलत नहीं है, लेकिन इसके दुष्प्रभाव जैसे मिट्टी की गुणवत्ता में गिरावट और स्वास्थ्य पर असर को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।

**प्रश्न 3:** क्या प्राकृतिक खेती को बड़े पैमाने पर अपनाया जा सकता है?
उत्तर: सरकार और किसानों के सहयोग से इसे बड़े पैमाने पर अपनाया जा सकता है।

निष्कर्ष

जहां एक ओर रासायनिक खेती ने भारत की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया है, वहीं अब समय गया है कि हम प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ें जो टिकाऊ, सुरक्षित और पर्यावरण के लिए लाभकारी है। किसानों को चाहिए कि वे प्राकृतिक खेती की विधियों को समझें और धीरे-धीरे इसे अपनाने की दिशा में कदम बढ़ाएं। इससे केवल उनकी लागत घटेगी, बल्कि उपज की गुणवत्ता और मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहेगी।

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