तेजी से बढ़ती जनसंख्या और सीमित कृषि भूमि के बीच अब आवश्यकता है कि खेती को ज्यादा वैज्ञानिक और सटीक बनाया जाए।
यहीं से आता है प्रिसिजन फार्मिंग (Precision Farming) — एक ऐसी तकनीक जो हर इंच ज़मीन का सही उपयोग कर किसानों की आमदनी को दोगुना कर सकती है।
प्रिसिजन फार्मिंग क्या है?
प्रिसिजन फार्मिंग का अर्थ है खेती में सटीक जानकारी और तकनीक का उपयोग कर:
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बीज बोने
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खाद देने
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सिंचाई करने
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कीटनाशक छिड़काव
को सही समय और सही मात्रा में करना, ताकि उत्पादन बढ़े और लागत घटे।
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"प्रिसिजन फार्मिंग: कैसे बदल रही है भारतीय खेती की तस्वीर" |
प्रिसिजन फार्मिंग के मुख्य तत्व
1. जियोमैपिंग और सैटेलाइट इमेजरी
जमीन का डिजिटल नक्शा बनाकर उसकी गुणवत्ता, नमी और पोषक तत्वों का विश्लेषण किया जाता है।
2. सेंसर और डाटा एनालिटिक्स
मिट्टी, मौसम और फसल से जुड़े डेटा का विश्लेषण कर निर्णय लिए जाते हैं।
3. GPS आधारित उपकरण
GPS ट्रैक्टर और मशीनरी से खेत में सटीक काम होता है।
4. स्वचालित उपकरण
ड्रोन, ऑटोमेटिक स्प्रेयर और रोबोटिक्स का उपयोग।
प्रिसिजन फार्मिंग के लाभ
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30-50% तक पानी की बचत
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20-40% तक रसायनों का कम उपयोग
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उत्पादन में 25-30% तक वृद्धि
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मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार
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पर्यावरण पर कम दुष्प्रभाव
भारत में प्रिसिजन फार्मिंग की स्थिति
भारत में प्रिसिजन फार्मिंग अभी प्रारंभिक अवस्था में है।
लेकिन:
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तमिलनाडु
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महाराष्ट्र
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पंजाब
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उत्तर प्रदेश
जैसे राज्यों में इसे तेजी से अपनाया जा रहा है।
सरकार भी अब किसानों को जागरूक कर रही है और सब्सिडी व प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रही है।
प्रिसिजन फार्मिंग के लिए जरूरी तकनीकें
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ड्रोन सर्वेक्षण
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मिट्टी की नमी मापने वाले सेंसर
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स्मार्ट इरिगेशन सिस्टम
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फसल स्वास्थ्य मॉनिटरिंग ऐप्स
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डेटा आधारित फसल सलाह
प्रश्न और उत्तर (Q&A)
❓ सवाल 1: क्या छोटे किसान भी प्रिसिजन फार्मिंग कर सकते हैं?
उत्तर: हाँ, अब छोटे किसानों के लिए किफायती तकनीकें और साझेदारी मॉडल उपलब्ध हैं।
❓ सवाल 2: प्रिसिजन फार्मिंग में सबसे बड़ी रुकावट क्या है?
उत्तर: सबसे बड़ी चुनौती है किसानों के बीच तकनीकी ज्ञान की कमी और उच्च प्रारंभिक लागत।
❓ सवाल 3: प्रिसिजन फार्मिंग से किसानों को कितना फायदा होता है?
उत्तर: फसल की गुणवत्ता, उत्पादन और आमदनी तीनों में बढ़ोतरी होती है, साथ ही पर्यावरणीय नुकसान भी घटता है।
निष्कर्ष
प्रिसिजन फार्मिंग भारतीय किसानों के लिए खेती के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाने का साधन है।
यह तकनीक न केवल उत्पादन बढ़ाती है, बल्कि संसाधनों के सही उपयोग से लागत घटाकर अधिक लाभ सुनिश्चित करती है।
समय आ गया है कि किसान प्रिसिजन फार्मिंग को अपनाकर खेती को स्मार्ट, टिकाऊ और लाभकारी बनाएं। 🚜🌱📈