जैसा कि सबको विदित है कि एक फरवरी 2024 को अंतरिम वजट पेश किया जाना है, इससे पहले किसानों के बारे में विचार विमर्श किया जाना है। इसी बीच (आर.बी.आई.) भारतीय रिसर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एम.पी.सी.) की ओर से किसान भाइयों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण खबर सामने आ रही है, जिसमें कहा गया है कि भारत सरकार किसानों की भी इनकम टैक्स के दायरे में लाने के संबंध में विचार कर सकती है। हालांकि यह टेक्स उन किसानों पर लगाया जा सकता है जो खेती से बहुत अधिक मुनाफा कमा रहे हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश करेंगी, इससे पहले आरबीआई एमपीसी सदस्य आशिमा गोयल ने कहा कि किसानों को सरकारी भुगतान एक नकारात्मक रिटर्न की तरह है। एक तरफ सरकार छोटे और गरीब का किसानों के खातों में पैसे भेज रही है वहीं दूसरी ओर टैक्स प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए खेती किसानी से अधिक आय प्राप्त करने वाले किसानों को टैक्स के दायरे में लाने पर विचार कर रही है। सरकार कामदारों और न्यूनतम छूट के साथ अमीर किसानों के लिए एक सकारात्मक आयकर लागू कर सकती है।
हालांकि देखा जाए तो यह कोई नया विचार नहीं है इससे पहले भी 1980 के दशक में भी इस पर चर्चा हुई थी कि खेती को टैक्स के दायरे में कैसे लाया जाए क्योंकि बहुत सारे किसान गैर किसान की तुलना में खेती से अधिक आय प्राप्त कर रहे हैं।
फिलहाल में देखा जाए तो किसानों को खेती से होने वाली आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता है उन्हें आयकर अधिनियम 1961 के द्वारा कृषि आय पर टैक्स से छूट मिलती है वर्तमान में आयकर अधिनियम की धारा 10 के अनुसार कृषि आय पर कोई टैक्स नहीं है ऐसे में किसानों को अपने आय पर टैक्स देना होगा।